वह व्यथा वह व्यथा
अपने मुखड़े की तबस्सुम को आप यूँ ही रहने दो। चंचल चितवन से जब देखते हैं आप , बयां करती है... अपने मुखड़े की तबस्सुम को आप यूँ ही रहने दो। चंचल चितवन से जब देखते हैं ...
तेरे कदमों में हो तो जाऊँ निछावर इन गुलाबी फूलों सी , खाक में मिलके भी तेरे लिये, खुशबू को बचा कर... तेरे कदमों में हो तो जाऊँ निछावर इन गुलाबी फूलों सी , खाक में मिलके भी तेरे ल...
त्योहार सा माहौल है संगीत की तान, उठे हर कंठ है।। त्योहार सा माहौल है संगीत की तान, उठे हर कंठ है।।
यह अब जाकर समझ में आया यह तो वक्त का पहिया है! साहब। यह अब जाकर समझ में आया यह तो वक्त का पहिया है! साहब।
खुद तिल-तिल सुलगकर राख होती रहती है.....। खुद तिल-तिल सुलगकर राख होती रहती है.....।